पकडौआ विवाह को रद्द करने वाले पटना हाई कोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने लगा दी रोक

136

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

बिहार में पकडौआ विवाह को रद्द करने वाले पटना हाई कोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। पटना हाई कोर्ट ने अग्नि के समक्ष सात फेरे पूरे नहीं होने के आधार पर शादी को कानूनी तौर पर अमान्य कर दिया था। दुल्हन की अपील पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट की हिमा कोहली और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी।

बिहार में पकड़ौआ विवाह की एक पुरानी परंपरा है। कभी लड़के को किडनैप करके जबरन कराईजाने वाली ऐसी शादियां  होती थीं . समय के साथ ऐसी शादियां कम तो हो गईं लेकिन अब भी कहीं- कहीं ऐसे मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे ही एक मामले पर सुनवाई करते हुए पटना हाई कोर्ट ने पकड़ौवा विवाह को अमान्य करार दे दिया था। दुल्हन ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल की थी, जिसपर सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने मामले में संबंधित पक्षकारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

- Sponsored -

- sponsored -

- sponsored -

नवादा के रेवरा गांव निवासी के चंद्रमौलेश्वर सिंह के बेटे रविकांत और लखीसराय के चौकी गांव के बिपिन सिंह की बेटी बंदना कुमारी की दस साल पहले 30 जून 2013 पकड़ौआ विवाह कराया गया था। उसे मंदिर से अगवा किया गया और शादी करा दी गयी जो उसके परिवार को भी मंजूर नहीं है।

युवक ने जबरन शादी कराने और शादी के सभी संस्कार पूरे नहीं किए जाने के आधार पर इसे रद्द करने की मांग की थी। हाईकोर्ट ने युवक के हक में फैसला देते हुए शादी को रद्द कर दिया था। जिसके बाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए लड़की ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।  सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेश तक पटना हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है।

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

- Sponsored -

- Sponsored -

Comments
Loading...

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More