बिहार लोक सेवा आयोग के तरफ से आयोजित दूसरे चरण की शिक्षक बहाली का मामला पटना हाईकोर्ट पहुंच गया है। हाईकोर्ट में राज्य के विद्यालयों में 69 हजार 706 पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति के लिए ली गई पूरी परीक्षाओं को निरस्त करने के एक रिट याचिका दायर की गई है। अब इस मामले में जल्द सुनवाई की मांग की गई है।
इस मामले में याचिकाकर्ता मोहम्मद हसन रेजा ने रिट याचिका दायर की है। बिहार सरकार ने जो परीक्षा ली है, उसमें अनियमिता हुई है। उन्होंने कहा कि परीक्षा में भाषा का पेपर हटाए जाने की वजह से उर्दू-बांग्ला भाषा के अभ्यर्थियों ने पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता मुक्ति मोहम्मद हसन रेजा का कहना है कि बिहार सरकार ने जो परीक्षा ली है। उसमें बड़े पैमाने पर अनियमिता हुई है।
याचिका के जरिए 4 नवंबर, 2023 को जारी अधिसूचना संख्या- 27/2023 के संदर्भ में ली गई परीक्षाओं को रद्द करते हुए फिर से परीक्षा लेने के लिए आदेश देने का आग्रह किया गया है। याचिकाकर्ता का कहना है कि अधिसूचना में यह भी उल्लेख किया गया था कि भाग-1 यानी भाषा (योग्यता) अंग्रेजी, हिंदी, उर्दू, बांग्ला के लिए प्रत्येक अभ्यर्थी के लिए 30 प्रतिशत अंक प्राप्त करना अनिवार्य था।
अधिसूचना के बावजूद कथित रूप से पार्ट-1 का पेपर सिर्फ अंग्रेजी और हिंदी में था, उर्दू और बांग्ला में नहीं। याचिका में आगे उक्त परीक्षाओं के परिणामों को रद्द करने हेतु आदेश देने का अनुरोध भी किया गया है। यह परीक्षा बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा ली गई है। अब इस पूरी परीक्षा को रद्द करने की मांग की गई है।
गौरतलब है, पिछले साल BPSC TRE भी दो चरणों में आयोजित की थी। पहले चरण में 1,20,336 ने परीक्षा उत्तीर्ण की और बाद में 2 नवंबर 2023 को उन्हें नियुक्ति पत्र दिए गए। आयोग ने बाद में 1,21,370 रिक्तियों को भरने के लिए टीआरई चरण 2 आयोजित किया।