देश के सरकारी महकमे में बैठे कई ऐसे पदाधिकारी और अफसर है जो अपनी ईमानदारी और अपने अच्छे काम के लिए हमेशा से ही सुर्ख़ियों में बने रहते हैं। लेकिन, इससे बाद भी कुछ ऐसे सरकारी अफसर होते हैं जिन्हें देखकर यह समझ में नहीं आता है कि वो सरकारी अफसर हैं या कोई कुबेर। ऐसा ही मामला तेलंगाना के एक अधिकारी के घर छापा मारने पहुंची ACB यानी एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम के हाथ बुधवार को खजाना लग गया।
तेलंगाना के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने एक सरकारी अधिकारी से लगभग 100 करोड़ रुपये की संपत्ति बरामद की है। एसीबी के अधिकारियों ने बुधवार को तेलंगाना राज्य रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (टीएसआरईआरए) के सचिव और मेट्रो रेल में योजना अधिकारी एस. बालकृष्ण के परिसरों पर एक साथ छापेमारी की। उन्होंने पहले हैदराबाद मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (एचएमडीए) में टाउन प्लानिंग के निदेशक के रूप में काम किया था।
भ्रष्टाचार निरोधक संस्था की 14 टीमों की तलाशी दिनभर जारी रही और गुरुवार को फिर से शुरू होने की संभावना है।बालकृष्ण के घर, कार्यालयों, उनके रिश्तेदारों के परिसरों पर एक साथ छापेमारी की गई, जिसमें 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति बरामद हुई। करीब 40 लाख रुपये नकद, 2 किलो सोना, चल-अचल संपत्ति के दस्तावेज, 60 महंगी कलाई घड़ियां, 14 मोबाइल फोन और 10 लैपटॉप अब तक जब्त किए गए हैं। अधिकारी के बैंक लॉकर अभी तक नहीं खोले गए हैं। एसीबी ने कम से कम चार बैंकों में लॉकरों की पहचान की है।
बुधवार सुबह करीब 5 बजे शुरू हुई जांच के दौरान अधिकारियों ने बालकृष्ण के रिश्तेदारों के आवास और दफ्तरों पर भी दबिश दी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ACB को शुरुआती जांच में पता चला है कि बालकृष्ण ने कई रियल ऐस्टेट कंपनियों को कथित तौर पर परमिट दिलाकर करोड़ रुपये बनाए हैं। अधिकारियों ने गुरुवार को भी रेड जारी रहने के संकेत दे दिए हैं।
बालकृष्ण के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। आशंका है कि TSRERA अधिकारी ने अपने पद का दुरुपयोग कर इतनी संपत्ति जुटाई है। जांच एजेंसी बालकृष्ण के बैंक लॉकर और दूसरी अघोषित संपत्तियों की जांच भी कर रही है। इससे पहले बालकृष्ण हैदराबाद मेट्रोपोलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी के निदेशक भी रह चुके हैं।
दिसंबर में आयकर विभाग ने कांग्रेस नेता धीरज साहू के भाई के ओडिशा के बालनगीर में ठिकानों पर छापेमारी की थी। उस दौरान जांच में 300 करोड़ रुपये से ज्यादा नगद मिला था। अक्टूबर में आयकर विभाग बेंगलुरु में कई जगहों पर रेड कर 42 करोड़ रुपये का पता लगाया था। यह फ्लैट BBMP कॉन्ट्रेक्टर्स एसोसिएशन के तत्कालीन अध्यक्ष आर अंबिकापति से जुड़े थे।