कांग्रेस को लगातार झटके लगने शुरू हो गए हैं। पहले पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने भी अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी। उसके बाद पंजाब के सीएम भगवंत मान ने पंजाब की सभी सीटों पर जीत का ऐलान किया। अखिलेश यादव पहले से ही कश्मकश में हैं और अब बिहार के सीएम नीतीश कुमार के सुर भी बदले नजर आ रहे हैं। अब सवाल यह बनता जा रहा है कि क्या विपक्षी दलों को एक साथ लाने के लिए जो प्लेटफार्म तैयार हुआ तह उस पर विपक्षी की ट्रेन सही ढंग से दौड़ पाएगी?
इंडिया में सीट शेयरिंग के मुद्दे पर कई मतभेद हैं। घटक दल लगातार कांग्रेस के साथ बातचीत कर सीट बंटवारे पर सहमति बनाने की कोशिश में जुटे हैं, लेकिन मामला कहीं न कहीं अटक ही जाता है। अखिलेश ने आरएलडी से गठजोड़ का तो ऐलान कर दिया है, लेकिन गठबंधन के मुद्दे पर अभी कुछ साफ तौर पर नहीं कहा। सवाल उठने लगे कि क्या इंडिया गठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं है और यदि सब कुछ ठीक है तो फिर पर सीट शेयरिंग पर मामला कहां फंसा है?
इंडिया को लेकर आम आदमी पार्टी और टीएमसी के अलावा अखिलेश यादव और नीतीश कुमार में भी कश्मकश है। जिस तरह से नीतीश कुमार बुधवार को परिवारवाद पर तंज कसते नजर आए। ऐसे में कई राजनीतिक जानकार का मानना है कि नतीश कुमार का यह तंज कांग्रेस और आरजेडी के लिए ही हो सकता है, क्योंकि न तो कांग्रेस ने इससे छुटकारा पाया है और न ही आरजेडी इससे छुटकारा पा सकती है। ऐसे में इस बात का अंदाजा फिलहाल तो नहीं लगाया जा सकता कि नीतीश कुमार का अगला कदम क्या होगा?
अखिलेश क्या करेंगे इसे लेकर भी सस्पेंस है। इसका कारण यह है कि अखिलेश ने आरएलडी से गठजोड़ का ऐलान कर दिया है, लेकिन कांग्रेस ने उसका गठजोड़ नहीं हो पा रहा है। पहले ये माना जा रहा था कि मायावती भी गठबंधन का हिस्सा होंगी, लेकिन मायावती ने सार्वजनिक तोर पर इसका ऐलान कर दिया कि ऐसा नहीं होगा।