बिहार में महागठबंधन का टूटना लगभग तय हो चुका है। 26 जनवरी को तेजस्वी यादव ने राजभवन के कार्यक्रम से दूरी बनाई। सीएम नीतीश ने लालू यादव का फोन नहीं उठाया। लालू के ख़ास नेता ने भी नीतीश के साथ रहने की आस छोड़ दी और कह दी किया कि – हमारी पार्टी काम करने में भरोसा रखती है चाहे वो सरकार में रहे या नहीं रहे। अब मोदी कैबिनेट के मंत्री ने भी साफ़ कर दिया है कि नीतीश कुमार का भाजपा गठबंधन में स्वागत है।
बिहार की सियासी हलचल पर बीजेपी के सीनियर नेता और मोदी कैबिनेट के मिनिस्टर अश्विनी चौबे ने कहा कि हमारे चाहने, न चाहने से क्या मतलब है। एनडीए का अपना महत्व है। पार्टी जो चाहेगी वो हम करेंगे। जो हमारे नेता चाहेंगे वही होगा। सब अच्छा है, सब अच्छा होगा। पार्टी का नेतृत्व जो कहेगा वही करना है। सब कुछ भगवान और प्रभु राम की इच्छा से होता है।
नवादा के वारसलीगंज विधानसभा क्षेत्र के बीजेपी की विधायक अरुणा देवी पटना रवाना हुईं। उन्होंने फर्स्ट बिहार से बातचीत करते हुए बताया कि बिहार के प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सम्राट चौधरी और विपक्ष के नेता विजय कुमार सिंह के द्वारा फोन करके पटना बुलाया गया। कल पटना में बैठक में उपस्थित रहने की बात कही गई है। बीजेपी विधायक अरुणा देवी ने एबीपी न्यूज़ से फोन पर बात बातचीत की है और जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कल का दिन एक बड़ा दिन होगा।
बिहार के मौजूदा हालात पर आरजेडी विधायक रितलाल यादव ने कहा, “हमारे लालू प्रसाद यादव को ना तो आज तक किसी ने धोखा दिया है और ना ही दे सकता है। सरकार से हमें क्या लेना-देना है। हम सरकार के साथ रहेंगे तो भी काम करेंगे, नहीं रहेंगे तो भी काम करेंगे।”आरजेडी लालू यादव अब सीएम नीतीश कुमार को महागठबंधन में रखने की उम्मीद खो चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक, लालू यादव ने सीपीआई के एक विधायक को कहा कि अब नीतीश कुमार साथ नहीं रहेंगे।