बिहार में जबसे शिक्षा विभाग की कमान के के पाठक ने संभाली है तबसे वो लगातार कोई न कोई ऐसा फैसला निकल कर सामने आता रहता है जिससे टीचरों की मुश्किलें बढ़ जाती है। अब सूबे के 500 से ज्यादा नियोजित शिक्षकों की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है। शिक्षा विभाग ने जिलों को इस संबंध में निर्देश दिया है।
विभाग ने कहा कि राज्य में 582 ऐसे शिक्षक हैं, जो 6 महीने से ज्यादा समय से गायब हैं। इनमें से 13 शिक्षकों को ही बर्खास्त किया गया है, जबकि 10 टीचर निलंबित हुए हैं। विभाग ने कहा कि – नियोजित शिक्षक राज्यकर्मी बनने जा रहे हैं। ऐसे शिक्षकों पर जल्द से जल्द कार्रवाई की जाए। ताकि भगोड़े शिक्षक राज्यकर्मी न बन सकें।
शिक्षा विभाग स्कूलों से गायब नियोजित शिक्षकों के खिलाफ पूरे एक्शन के मूड में है। विभाग ने भगोड़े शिक्षकों को दो वर्गों में बांटा। एक वो जो 6 महीने से ज्यादा समय से गायब हैं, दूसरे वे जो 6 महीने से कम समय से स्कूल नहीं आ रहे हैं। 582 ऐसे नियोजित शिक्षक हैं, जो 6 महीने से ज्यादा समय से स्कूल नहीं आ रहे हैं। कुछ ऐसे हैं जो 2 साल से गायब हैं।
शिक्षा विभाग का कहना है कि – ऐसे शिक्षकों को राज्यकर्मी नहीं बनाया जाएगा। शिक्षा विभाग ने जिला अधिकारियों को अपने स्तर पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। ऐसे शिक्षकों को नौकरी से बर्खास्त किया जाएगा, जो लंबे समय से स्कूल से गायब हैं। वे राज्य सरकार द्वारा आयोजित सक्षमता परीक्षा में भी नहीं बैठ सकेंगे।
बिहार के करीब साढ़े तीन लाख नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी बनाने के लिए सक्षमता परीक्षा आयोजित की जा रही है। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया जारी है। नए नियम के मुताबिक सक्षमता परीक्षा के लिए नियोजित शिक्षकों को तीन के बजाय पांच अटेंप्ट दिए जाएंगे। इनमें से तीन बार ऑनलाइन, तो दो बार ऑफलाइन परीक्षा भी आयोजित की जाएगी।