शरद पवार की पार्टी को नया सिंबल दे दिया गया है। चुनाव आयोग ने इसकी घोषणा की है। पार्टी को चुनाव निशान के तौर पर तुरहा बजाता हुआ आदमी दिया गया है। लोकसभा चुनाव से पहले शरद पावर को यह बड़ा उपहार बताया जा रहा है।
बीते दिनों शरद पवार के भतीजे अजित पवार को एनसीपी का नाम और चुनाव निशान घड़ी दे दी गई थी। चुनाव आयोग ने अजित पवार गुट को असली शिवसेना मानते हुए यह फैसला सुनाया था। अजित पवार, छगन भुजबल, प्रफुल्ल पटेल व कुछ अन्य दिग्गज नेताओं को साथ लेकर भाजपा और शिंदे गुट की सेना की सरकार में चले गए थे।
अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट के पक्ष में चुनाव आयोग का आदेश 7 फरवरी को दिया गया था। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि शरद पवार खेमे को दिया गया नाम अगले आदेश तक जारी रहेगा। सात फरवरी के आदेश के खिलाफ शरद पवार खेमे की याचिका पर सुनवाई करते हुए बेंच ने राकांपा संस्थापक को चुनाव चिह्न के लिए चुनाव आयोग से संपर्क करने की छूट दी थी। अदालत ने चुनाव आयोग को यह भी निर्देश दिया था कि शरद पवार खेमे के आवेदन करने के एक हफ्ते के भीतर चुनाव चिन्ह आवंटित किया जाए। अब चुनाव आयोग ने नया चुनाव निशान दे दिया है ,
तुरहा एक पारंपरिक वाद्ययंत्र है, जिसे तुतरी के नाम से भी जाना जाता है। एनसीपी (शरदचंद्र पवार) ने चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद सोशल मीडिया साइट एक्स पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी ने लिखा कि छत्रपति शिवाजी महाराज के महान पराक्रम के रूप में तुतरी ने कभी दिल्ली के बादशाह को बहरा कर दिया था। हमें खुशी है कि आने वाले चुनाव के लिए हम तुतरी (तुरहा बजाता आदमी) चुनाव निशान मिला है। आगे लिखा गया है कि शरदचंद्र पवार के नेतृत्व में हमारी तुतरी दिल्ली के बादशाह का सिंहासन हिला देगी।
तुरहा एक पारंपरिक वाद्ययंत्र है, जिसे तुतरी के नाम से भी जाना जाता है। एनसीपी (शरदचंद्र पवार) ने चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद सोशल मीडिया साइट एक्स पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी ने लिखा कि छत्रपति शिवाजी महाराज के महान पराक्रम के रूप में तुतरी ने कभी दिल्ली के बादशाह को बहरा कर दिया था। हमें खुशी है कि आने वाले चुनाव के लिए हम तुतरी चुनाव निशान मिला है। आगे लिखा गया है कि शरदचंद्र पवार के नेतृत्व में हमारी तुतरी दिल्ली के बादशाह का सिंहासन हिला देगी।