राज्यसभा की 56 सीटों के इस बार चुनाव हो रहे हैं। जिन राज्यों की राज्यसभा सीटों पर इस बार चुनाव हो रहे हैं उनमें उत्तर प्रदेश की 10, महाराष्ट्र और बिहार की 6-6, पश्चिम बंगाल तथा मध्य प्रदेश की पांच-पांच, गुजरात तथा कर्नाटक की चार-चार, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान और ओडिशा की तीन और उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, हरियाणा एवं हिमाचल प्रदेश की एक-एक सीट शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में भाजपा की ओर से जीत की संभावना के अतिरिक्त (संख्या बल के हिसाब से) एक-एक उम्मीदवार ज्यादा उतारे जाने से राज्यों में मुकाबला रोचक हो गया है। यूपी और कर्नाटक में क्रॉस वोटिंग का संशय बना हुआ है, जबकि हिमाचल में कांग्रेस उम्मीदवार की जीत लगभग तय मानी जा रही है।
15 राज्यों में राज्यसभा की 56 सीटें में से 12 राज्यों की 41 राज्यसभा सीटों पर उम्मीदवार निर्विरोध चुन लिए गए हैं। अब बाकी सीटों पर राज्यसभा चुनाव के लिए सुबह नौ बजे वोटिंग शुरू होगी जो शाम चार बजे तक जारी रहेगी। शाम पांच बजे से वोटों की गिनती शुरू हो जाएगी, जबकि रात तक नतीजे आने की उम्मीद है।
राज्यसभा की अधिकतम सदस्य संख्या 250 है। इसमें से 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत होते हैं और 238 सदस्य राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि होते हैं। राज्यसभा की वर्तमान सदस्य संख्या 245 है। इनमें से 233 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों दिल्ली और पुडुचेरी के प्रतिनिधि हैं और 12 राष्ट्रपति द्वारा नामित हैं। राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत सदस्य साहित्य, विज्ञान, कला और सामाजिक सेवा जैसे मामलों के संबंध में विशेष ज्ञान या व्यावहारिक अनुभव रखने वाले व्यक्ति होते हैं।
राज्यसभा में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों का चुनाव अप्रत्यक्ष चुनाव की विधि से किया जाता है। प्रत्येक राज्य और दो केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों का चुनाव उस राज्य की विधान सभा के निर्वाचित सदस्यों और उस केंद्र शासित प्रदेश के निर्वाचक मंडल के सदस्यों द्वारा सिंगल ट्रांसफर वोट के जरिये आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार किया जाता है।