बिहार में एनडीए सरकार के फ्लोर टेस्ट से शुरू हुआ महागठबंधन के विधायकों के टूटने का सिलसिला लगातार जारी है। महागठबंधन के सात विधायक अबतक पाला बदलकर बीजेपी और जेडीयू में शामिल हो गए है। सबसे अधिक नुकसान तेजस्वी यादव की पार्टी आरजेडी को उठाना पड़ा है। आरजेडी के पांच और कांग्रेस के दो विधायक एनडीए में शामिल हो गए हैं। महागठबंधन के विधायकों में मची भगदड़ पर बीजेपी का रिएक्शन आया है।
बीजेपी विधायक नितिन नवीन ने आरजेडी के एक और विधायक भरत बिंद के पाला बदलने पर कहा कि लालू-तेजस्वी की पार्टी और कांग्रेस में परिवारवाद हावी है। दोनों दलों ने अपने परिवार को ही सबकुछ देने की परंपरा बना लिया गया है। जो भी विधायक कांग्रेस और आरजेडी में हैं वे घुटन महसूस कर रहे हैं और बाहर आने के लिए अपने दल को छोड़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव हों या राहुल गांधी हों, उनके विधायकों में नेतृत्व के प्रति कोई लगाव नहीं रह गया है। दोनों पार्टियों की नीति और रणनीति भी ऐसी दिख रही है कि वे स्वयंभू बने हुए हैं। इसी को लेकर विधायकों में निराशा है और वे बीजेपी और जेडीयू को आशा के रूप में देख रहे हैं। तीन मार्च को पटना में होने वाली महागठबंधन की रैली पर उन्होंने कहा कि राहुल और तेजस्वी और रैलियां करें, जितनी रैलियां करेंगे बीजेपी का जनाधार और मजबूत होगा।
बिहार में नई सरकार के गठन के बाद से ही महागठबंधन के विधायकों में टूट हो रही है। पहले विधानसभा में नीतीश सरकार के फ्लोर टेस्ट के दौरान पूर्व सांसद आनंद मोहन के बेटे आरजेडी विधायक चेतन आनंद, पूर्व विधायक अनंत सिंह की विधायक पत्नी नीलम देवी और प्रह्लाद यादव ने पाला बदला। विधानसभा में बजट सत्र के दौरान कांग्रेस विधायक मुरारी गौतम, सिद्धार्थ सौरवी समेत आरजेडी विधायक संगीता कुमारी बीजेपी में शामिल हो गए और अब आरजेडी के एक और विधायक भरत बिंद ने पाला बदल लिया है।



