केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से सोमवार को CAA को लेकर अधिसूचना जारी करने के बाद पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों को छोड़कर पूरे देश में यह कानून लागू हो गया हालांकि लोकसभा चुनाव से पहले लिए गए सरकार के इस फैसले पर सवाल भी उठ रहे हैं। लालू-तेजस्वी की पार्टी आरजेडी ने केंद्र की बीजेपी सरकार से सवाल पूछे हैं।
आरजेडी के नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने सीसीए लागू करने के समय को लेकर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि मणिपुर पिछले चार महीनों से जल रहा है लेकिन सरकार ने मणिपुर की तरफ से आंखें मूंद लीं, क्योंकि यहां अल्पसंख्यकों की संख्या अधिक है। भारत एक ऐसा देश है जो विविधता में एकता को प्रदर्शित करता है और हमारे पास एक धर्मनिरपेक्ष ताना-बाना है। लोकसभा चुनाव से पहले यह लोगों को सांप्रदायिक आधार पर विभाजित करने का भाजपा का स्पष्ट एजेंडा था।
देश में इस कानून के लागू होने के बाद अब दूसरे देश से भारत आए गैर-मुस्लिम शर्णार्थियों को केंद्र सरकार देश की नागरिकता दे सकेगी ।फिर भी इसको लेकर पूरे देश में सियासत शुरू हो गई है और लोकसभा चुनाव से पहले देश में सीएए लागू करने को लेकर विपक्षी दल विरोध जताने लगे हैं।
विपक्षी दलों का आरोप है कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने राजनीतिक लाभ लेने के लिए इस कानून को लागू किया है। उधर, मुस्लिम संगठनों ने कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और इस कानून को असंवैधानिक करार देते हुए कोर्ट से इसपर रोक लगाने की मांग की है।