50 साल के बाद अक्षम सरकारी सेवकों को जबरन रिटायर करने के सरकारी आदेश पर सियासत शुरू-आरजेडी और कांग्रेस समेत पुलिस मेंस एसोसिएशन ने इस फैसले पर सीधा विरोध जताया

इंडिया सिटी लाइव 28 जनवरी : 50 साल के बाद अक्षम सरकारी सेवकों को जबरन रिटायर करने के सरकारी आदेश पर सियासत शुरू हो गई है. नीतीश सरकार के इस फैसले का जहां बीजेपी ने स्वागत किया है वहीं आरजेडी (RJD) और कांग्रेस समेत पुलिस एसोसिएशन ने इस फैसले पर सीधा विरोध जताया है.

50 साल के उम्र में जबरन रिटायरमेंट पर पुलिस मेंस एसोसिएशन ने सरकार को चेतावनी दी है. संघ के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार धीरज ने कहा है कि पुलिस विभाग में इसे लागू नहीं होने दिया जाएगा. पुलिस मेंस एससोसिएशन के अध्यक्ष ने इस फैसले को सामूहिक जनसंहार बताया है. अध्यक्ष की मानें तो जब सरकारी कर्मियों के ऊपर कई तरह की ज़िमेदारी होती है तो उस वक्त जबरन नौकरी से निकालना मृत्युदण्ड जैसा ही है. उन्होंने इस फैसले के खिलाफ सड़क पर उतरने की चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि जब पुलिस की बहाली शारीरिक, और मेडिकल टेस्ट के बाद होती है तो इस तरह के फैसले का कोई मतलब नहीं है.

50 साल से ज्यादा अक्षम लोगों को जबरन रिटायर्ड मामले में एडीजी पुलिस हेड क्वार्टर जितेंद्र कुमार ने बयान देते हुए कहा है कि गृह विभाग ने कमिटी का गठन किया है. आगे कमिटी द्वारा जैसे दिशा निर्देश दिए जाएंगे वैसा आगे कार्रवाई की जाएगी. इस मसले पर विपक्ष का कहना है कि एक तरफ लोगों को रोजगार नहीं मिल रहा तो दूसरी तरफ जबरन रिटायर्ड किया जाएगा. लॉ एंड ऑर्डर पर सरकार पूरी तरह फेल है इसलिए पहले सरकार को ही रिटायर हो जाना चाहिए.

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