विश्व थर्मल अधिवेशन में प्रो रणजीत वर्मा का रहेगा दबदबा

297

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

मुंगेर विश्व विद्यालय के संस्थापक कुलपति और पटना विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति रहे प्रो रणजीत कुमार वर्मा २९ अगस्त से पोलैंड के क्राकोव नगर में आरम्भ हो रहे पांच दिवसीय सत्रहवें चतुर्वार्षिक विश्व थर्मल कांग्रेस में

- sponsored -

- sponsored -

- Sponsored -

२९ अगस्त से पोलैंड के क्राकोव नगर में आरम्भ हो रहे पांच दिवसीय सत्रहवें चतुर्वार्षिक विश्व थर्मल कांग्रेस की शुरुआत एक भारतीय वैज्ञानिक की वैज्ञानिक प्रस्तुति से होगी। विश्व के शीर्ष थर्मल वैज्ञानिकों में शुमार और मुंगेर विश्व विद्यालय के संस्थापक कुलपति एवं पटना विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति रहे प्रो रणजीत कुमार वर्मा उस दिन थर्मल पद्धतियों पर हो रही कार्यशाला की अध्यक्षता करेंगे तथा कैलोरीमेट्री की ‘डी० एस० सी०’ तकनीक पर एक घंटे का व्याख्यान देंगे। अगले दिन मैटेरियल्स साइंस सेक्शन में ‘की -नोट -व्याख्यान (मुख्य व्याख्यान ) ‘ देंगे जिसमें फेराइट नैनो मैटेरियल्स पर अपनी शोध प्रस्तुति देंगे जो शोध को नयी दिशा देगा। इस अधिवेशन में विभिन्न सेक्शन्स में विभिन्न विषयों पर कुल छह की-नोट-व्याख्यान दिए जा रहे हैं। एक सितम्बर को थर्मोडायनामिक्स के सत्र की अध्यक्षता भी करेंगे। इस अधिवेशन में प्रोफेसर वर्मा कोबाल्ट, मैग्नीशियम ,बेरियम, समैरियम आदि के फेराइट नैनो कणों को बनाने में बहुत ऊँचे तापक्रम की सामान्य पद्धति की जगह कम तापक्रम पर ही धीरे-धीरे गर्म कर सफलता पायी है। ये कण बहुत ही उपयोगी चुम्बकीय , विद्युतीय और माइक्रोवेव शोषक गुणों से लबरेज हैं जिससे उनके प्रौद्योगिक उपयोगों की अपर संभावनाएं हैं। प्रोफेसर वर्मा की शोध टीम में आर्यभट्ट विश्वविद्यालय के डॉ राकेश सिंह, निशांत , अभय अमन , शशांक आदि भी सम्मिलित हैं। इस अधिवेशन में प्रो वर्मा २०२४ के अगले अधिवेशन के लिए भारत की मेजबानी का दावा भी करेंगे जिसके लिए भाभा परमाणु संस्थान , मुंबई स्थित थर्मल वैज्ञानिकों के भारतीय संघ , ईटास ने उन्हें अधिकृत किया है। अगर सफलता मिलती है तो भारत ही नहीं किसी दक्षिण एशियाई देश में होने वाला यह प्रथम इकटक कांग्रेस होगा जो मगध विश्वविद्यालय में होगा। “इकटक”, थर्मल वैज्ञानिकों के राष्ट्रीय संघों का विश्व महासंघ है जिसकी कार्यकारिणी सदस्य के साथ प्रो वर्मा, अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक आयोग के उपाध्यक्ष भी हैं। ज्ञातव्य है , कि प्रो वर्मा का नाम यूरोप से प्रकाशित विश्व के शीर्ष ३५० थर्मल वैज्ञानिकों की सूची में दर्ज है और वे कई अंतर्राष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं के संपादक मंडल में भी हैं। थर्मल वैज्ञानिकगण, पदार्थों के गुणों पर तापीय प्रभाव का अध्ययन कर पदार्थ के अंदर होने वाले परिवर्त्तन को समझते हैं। और इसका उपयोग , रसायन शास्त्र , भौतिकी , नैनो साइंस , फ़ूड टेक्नोलॉजी , फार्मास्यूटिकल साइंस सहित प्रायः सभी विज्ञान में होता है। यह अधिवेशन ऑनलाइन हो रहा है और चुने हुए शोध पत्र विश्व के श्रेष्ठतम थर्मल शोध पत्रिका , जर्नल ऑफ़ थर्मल एनालिसिस एंड कैलोरिमेट्री के विशेष अंक में छपेंगे

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

- Sponsored -

- Sponsored -

Comments
Loading...

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More