राम मंदिर में बहुप्रतीक्षित प्राण प्रतिष्ठा से पहले, भारतीय जनता पार्टीको न सिर्फ विपक्ष का विरोध झेलना पड़ रहा है, बल्कि देश के कुल चार शकराचार्यों ने मंदिर के उद्घाटन समारोह का हिस्सा न बनने का फैसला किया है। अधिकांश ने इस बात पर नाराजगी व्यक्त की- समारोह में सनातन धर्म के नियमों का पालन नहीं किया गया। इस विवाद के बीच भाजपा के सांसद ने नया बयान दिया है। जिससे राजनीतिक सरगर्मी बढ़ाना तय माना जा रहा है।
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना शंकराचार्य से की है। उन्होने राम मंदिर , प्रधानमंत्री और शंकराचार्य का जिक्र करते हुए कहा कि- जिस तरह से शंकराचार्य अकेले रहते है, समाज के लिए जीते है वैसा ही जीवन नरेंद्र मोदी जी रहे है। अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा पर शंकराचार्य के विरोध को लेकर उन्होने कहा कि ये ब्रह्रनिकल डिसऑडर है।
झारखंड के गोड्डा सीट से सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि मोदी ही शंकराचार्य है , शंकराचार्य एकल और संयमित जीवन जीते हैं तो पीएम मोदी भी एकल जीवन जी रहे हैं, तपस्वी की तरह रहते हैं, ग्यारह दिनों तक उपवास पर हैं। कुछ दिन पलंग पर नहीं सोएंगे। उन्होंने कहा कि हमें ब्रह्मनिकल डिसऑर्डर से बाहर निकलना होगा, अभी विचारों में परिवर्तन का दौर है।
निशिकांत दुबे ने कहा ये संथाल और भगालपुर का इलाका परिवर्तन की भूमि है। श्री राम की एक ही बहन थी, जिनका नाम शांता था, उनको मौसी के यहां लालन-पालन के लिए भेज दिया गया था,उनकी शादी ऋषि श्रृंगी से हुई, यह परिवर्तन का एक बड़ा प्रमाण है,एक क्षत्रिय कन्या की शादी ब्राह्मण लड़के से हुई इससे अधिक परिवर्तन क्या चाहिए।