बड़ी खबर मुख्यमंत्री सचिवालय से निकलकर सामने आ रही है जहां नीतीश कैबिनेट की बैठक खत्म हो गई है। यह बैठक महज 20 मिनट की हुई है। बैठक से पहले एक पत्र जारी कर मीडिया में बैठक के एजेंडों की प्रेस ब्रीफिंग करने से मना किया गया है। कई तरह के कयास लगने शुरू हो गए हैं कि ऐसी क्या बात हुई कि सीएम की कैबिनेट बैठक महज 20 मिनट की चल सकी ? क्या नीतीश सरकार में सबकुछ सही है और पटरी पर है या फिर कोई नई सियासी खिचड़ी पक रही है।
बैठक में शामिल हुए मंत्री सुरेंद्र राम ने कहा कि- बैठक बेहद छोटी रही, इसमें किसी मुद्दे पर सहमती नहीं बनी है इसलिए कोई भी एजेंडे पर मुहर नहीं लगी है। इसके बाद कैबिनेट की बैठक खत्म हो गई और सीएम अपने आवास पर निकल गए और बाकी के मंत्री भी अपने – अपने काम पर वापस लौट गए। इस कैबिनेट बैटक में बजट सत्र को लेकर बातचीत हुई है और केवल उसी मामले पर सभी से नीतीश कुमार ने सहमति ली और उसके बाद वित्त विभाग को भेजा गया। यानि की इस बैठक में दो एजेंडों पर मुहर लगी है और यह बजट सत्र से जुड़ा हुआ है।
पिछले कुछ दिनों से बिहार की सियासत काफी गर्म लगातार या कयास लगाया जा रहे हैं कि क्या नीतीश कुमार वापस से एनडीए के साथ जा रहे हैं और उनका गठबंधन इंडिया के साथ टूटने वाला है। ऐसे में आदमी कि कैबिनेट की बैठक का मार्च 20 मिनट की संचालन हो पाना अपने आप में एक बड़ा संकेत बताया जा रहा। जिस तरह पिछले दिनों अमित शाह ने यह संकेत दिया था कि- पुराने साथी जो छोड़कर गए थे नीतीश कुमार आदि, ये आना चाहेंगे तो क्या रास्ते खुले हैं? इस पर अमित शाह ने कहा था कि- जो और तो से राजनीति में बात नहीं होती। किसी का प्रस्ताव होगा तो विचार किया जाएगा। उनके इस बयान को भी एक भाजपा और जदयू के बीच घटती दूरी का एक संकेत माना जा रहा है।
बिहार की राजनीति में कभी भी कोई बड़ा बदलाव होने के संकेत आने शुरू हो गए हैं। 24 जनवरी को कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती पर ये दोनों ही दल अपना अलग अलग कार्यक्रम कर रहे हैं। पहले जदयू ने कर्पूरी जयंती की सभा कैंसल की थी, मगर राजद ने 23 जनवरी को भव्य जयंती समारोह की घोषणा के बाद जदयू ने उसके अगले दिन ही वेटनरी ग्राउंड में जयंती का ऐलान किया है। पूरे पटना में माइकिंग के जरिए आमंत्रित किया जा रहा है।जाहिर है अब राजद-जदयू आमने सामने है।