बिहार में नयी एनडीए सरकार में रोज नया बखेड़ा सामने आया है. नयी सरकार में निर्दलीय विधायक सुमित सिंह को मंत्री बनाकर विभाग देने की तैयारी के खिलाफ जीतन राम मांझी ने मोर्चा खोल दिया है. मांझी ने कहा है-मुझे दूसरे जगह से मुख्यमंत्री बनाने का ऑफर था लेकिन मैं नहीं गया. इस सरकार में जो हो रहा है वह ठीक नहीं है.
जीतन राम मांझी ने आज मीडिया से बात की. जीतन राम मांझी ने कहा कि सरकार में निर्दलीय विधायक को मंत्री बना दिया गया है. चर्चा हो रही है कि उन्हें मनचाहा विभाग भी दिया जायेगा. ये गलत है. मैं इसका विरोध करता हूं.
जीतन राम मांझी ने कहा कि उन्हें राजद की ओर से मुख्यमंत्री बनाने का ऑफर मिला था. लेकिन उन्होंने ठुकरा दिया. अब उनकी पार्टी को एनडीए सरकार में सिर्फ एक मंत्री पद दिया जा रहा है. ये सरासर गलत है. मांझी ने कहा-मैंने अमित शाह और नित्यानंद समेत बीजेपी के दूसरे नेताओं को कह दिया है कि हमको दो मंत्री पद मिलना चाहिये.
मांझी ने कहा कि वे अपनी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक अनिल कुमार को मंत्री बनवाना चाह रहे हैं. वे चार बार के विधायक हैं औऱ मंत्री भी रह चुके हैं. जीतन राम मांझी ने कहा कि अनिल कुमार के मंत्री बनने से मगध क्षेत्र में उनकी पार्टी का सामाजिक आधार मजबूत होगा.
जीतन राम मांझी ने कहा कि 44 साल से वे राजनीति में हैं. अब तक ऐसा नहीं देखा कि मंत्रियों के शपथग्रहण के पांच दिन बाद भी विभागों का बंटवारा नहीं हुआ है. मुख्यमंत्री ने तो 28 जनवरी को ही कहा था कि दो-तीन दिन में मंत्रिमंडल का विस्तार हो जायेगा. लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ है. जल्द से जल्द मंत्रिमंडल का विस्तार करने के साथ साथ विभागों का बंटवारा होना चाहिये.
खबर है कि सुमित सिंह को मंत्री बनाने से चिराग पासवान भी नाराज हैं. नीतीश ने 2020 में सुमित सिंह को सिर्फ इसलिए मंत्री बनाया था कि वे चिराग पासवान को उनके संसदीय क्षेत्र जमुई में घेरें. लेकिन पर्याप्त बहुमत होने के बावजूद 2024 में भी सुमित सिंह को मंत्री बनाने से ये मैसेज साफ गया है कि नीतीश कुमार चिराग पासवान को निपटाने की रणनीति से अलग नहीं हटे हैं.