पंजाब से दिल्ली के लिए निकले किसानों को रोकने के लिए पुलिस पूरी मुस्तैदी से जुट गई है। किसानों के दिल्ली चलो मार्च की वजह से सभी बॉर्डर सील कर दिए गए हैं। देर रात तक सरकार और किसान नेताओं के बीच बैठक चली लेकिन सरकार की कोशिश नाकाम हो गई। जिसके बाद किसान नेताओं ने आर-पार की जंग का ऐलान करते हुए दिल्ली कूच कर गए।
किसानों को दिल्ली में घूसने से रोकने के लिए गाजीपुर, सिंघु, संभू, टिकरी समेत सभी बॉर्डर को छावनी में तब्दील कर दिया गया है .शंभू बॉर्डर पर हालात बेकाबू होते दिख रहे हैं। पुलिस लगातार आंसू गैस के गोले दाग रही है प्रदर्शनकारियों पर। इसके लिए पुलिस ड्रोन के जरिए लगातार आंसू गैस के गोले दाग रही है ताकि फतेहगढ़ साहिब से चले ट्रैक्टरों को आगे बढ़ने से रोका जा सके।
न्यूनतम समर्थन मूल्य समेत अन्य मांगों को लेकर किसान आंदोलन कर रहे हैं। किसानों को मनाने के लिए सोमवार को करीब पांच घ्ंटे लंबी वार्ता चली। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और अर्जुन मुंडा इस बैठक में शामिल थे लेकिन किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी चाहते है।
आंदोलन कर रहे किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए कानूनी गारंटी, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू कराने, किसानों व कृषि मजदूरों के लिए पेंशन, कृषि ऋण माफी, पुलिस में दर्ज मामलों को वापस लेने, यूपी के लखीमपुरी खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय, भूमि अधिग्रहण कानून 2013 बहाल करने और किसान आंदोलन में मारे गए किसानों के परिवारों के लिए मुआवजे की मांग कर रहे हैं।