बिहार में वन डे एग्जाम की तैयारी करने वाले की तदाद काफी लंबी है। बड़ी बात यह है कि परीक्षा की तैयारी के लिए कई बच्चों को घर से बाहर किराए के मकान में जीवन यापन करना होता है और इस दौरान खर्च होने वाली रकम भी मोटी होती है। इस तमाम समस्याओं का जिक्र बिहार विधानसभा के बजट सत्र के दौरन किया गया और सरकार से निवेदन किया गया कि- वन डे एग्जाम की तैयारी करने वाले जेनरल क्लास के बच्चों को भी प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाए।
बिहार विधानसभा की कार्यवाही मंगलवार को शुरू हुई और प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने सामान्य श्रेणी के गरीब बच्चों को प्रतियोगिता परीक्षा में प्रोत्साहन राशि देने की मांग उठाई, कांग्रेस विधायक ने पूछा कि – जब अति पिछड़े परिवार के गरीब बच्चों को प्रतियोगिता परीक्षा में सरकार प्रोत्साहन राशि देती है तो सामान्य श्रेणी में बड़ी संख्या में गरीब परिवार हैं। गरीबी की वजह से बच्चे प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी नहीं कर पाते तो क्या सरकार सामान्य श्रेणी के गरीब छात्रों को प्रतियोगिता परीक्षा के प्रोत्साहन राशि देगी?
कांग्रेस विधायक की सवाल का जवाब देते हुए प्रभारी मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि- कांग्रेस विधायक अजित कुमार के सवाल क्या सामान्य श्रेणी के बच्चों की दयनीय स्थिति को देखते हुए प्रतियोगी परीक्षा के लिए प्रोत्साहन राशि देने पर विचार करती है, निश्चित तौर पर विभाग समीक्षा करेगी। इसको लेकर सरकार कोई रास्ता निकालेगी, एक महीने के अंदर में समीक्षा कर देखा जाएगा। इस प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा,अगर लगेगा कि सामान्य श्रेणी के छात्रों को प्रोत्साहन राशि देने की जरूरत है तो सरकार विचार करेगी।
विधानसभा में बीजेपी विधायक डॉक्टर सुनील कुमार ने अपनी ही सरकार से स्कूलों में सरकारी राशि के हो रहे बंदबांट का मामला सदन में उठाया। उन्होंने कहा कि सरकार ने स्कूलों के प्रभारी प्रधानाध्यापक को विद्यालय के विकास एवं जरूरी सामानों को खरीदने के लिए 50 हजार से लेकर पांच लाख तक खर्च करने का जो अधिकार दिया है वह नियमों के विरुद्ध है।