बिहार में शिक्षा विभाग अपने फैसलों को लेकर हमेशा चर्चा में रहता है। आए दिन अजीब आदेश जारी करने की वजह से शिक्षा विभाग की किरकिरी होती रहती है। इससे छात्रों एवं शिक्षकों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। एक मामला ताज़ा सामने आया है जो होली पर्व के बीच 25 मार्च को सूबे के प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में आयोजित होने वाली वार्षिक परीक्षा को लेकर है।
असल में, बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक के पत्रांक 7850 दिनांक 22-12-2023 के तहत राज्य के सरकारी विद्यालयों में कक्षा एक से चार तथा कक्षा छह एवं सात के आयोजित वार्षिक परीक्षा 21 मार्च से प्रारंभ हो रही है, जो 28 मार्च तक चलेगी। इस परीक्षा का संचालन 21, 23, 25 व 28 मार्च को निर्धारित है। इसी बीच 24 मार्च को होलिका दहन है।
आमतौर पर होलिका दहन के दूसरे दिन होली को त्योहार होता है परंतु इस बार उदया तिथि में 25 को पूर्णिमा होने से 26 को होली है परंतु सूबे के बहुत सारे क्षेत्रों में होलिका दहन के दूसरे दिन ही रंग व कीचड़ की होली होती है। ऐसे में विद्यालय आने में छात्र-छात्राओं तथा शिक्षकों विशेषकर महिला शिक्षिकाओं को परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
शिक्षकों ने शिक्षा विभाग के सचिव, निदेशक प्राथमिक शिक्षा, बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक, बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग तथा बाल संरक्षण आयोग पटना को पत्र भेजकर 25 मार्च को आयोजित होने वाली परीक्षा को होली के बाद या उसके पूर्व संचालित करवाने एवं 25 मार्च को विद्यालयों में अवकाश घोषित करने की मांग की है। लखीसराय के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना संजय कुमार ने वीडियो कांफ्रेंसिंग में इस बात को रखकर मामले का निदान निकालने की बात कही है।