इंडिया सिटी लाइव 3 फरवरी : सदर अस्पताल की कुव्यवस्था अब आम लोगों के जीवन पर भारी पड़ने लगी है. अस्पताल के दलाल सरकारी व्यवस्था को नकारा बनाने में जी जान से जुटे हैं वहीं प्रबंधन है कि उसके कानों पर जूं तक नहीं रेंग रहा है. नवजात बच्चे को बदलने का ये मामला बिहार के औरंगाबाद से जुड़ा है. इस मामले में जब पीड़ित परिवार ने न्याय के लिए डीएम का दरवाजा खटखटाया तो डीएम ने पूरे मामले में जांच के आदेश दिए हैं.
ताज़ा मामला सिमरा थाना क्षेत्र के बोदी बिगहा से जुड़ा है जहां के शैलेन्द्र कुमार की पत्नी बिमला देवी ने 28 जनवरी को सदर अस्पताल के प्रसव वार्ड में एक स्वस्थ बेटे को जन्म दिया. डयूटी पर रही नर्स तथा अन्य स्वस्थ्यकर्मियों ने परिवार को प्रसव के बाद पुत्र रत्न की प्राप्ति की जानकारी दी. थोड़ी देर बाद शिशु को टीका लगाने और हीटिंग देने के बाद नवजात को उसकी मां विमला देवी के हवाले कर दिया गया. बाद में विमला तथा उसके परिजन कपड़े में ढंके उस बच्चे को लेकर घर चले आये तो दंग रह गए.
परिवार के लोगों ने बच्चे को देखा तो वो लड़के की जगह एक लड़की थी. भागे-भागे परिजन सदर अस्पताल पहुंचे और तमाम संबंधित अधिकारियों से अदला-बदली मामले की शिकायत की लेकिन किसी ने उनकी एक नहीं सुनी. थक हार कर दो दिन बाद उन्होंने डीएम सौरभ जोरवाल से इसकी शिकायत की और न्याय की मांग की. डीएम ने भी मामले को गंभीरता से लिया और तत्काल सिविल सर्जन डॉ अकरम अली को तलब किया और टीम का गठन कर विस्तृत जांच कर रिपॉर्ट सौंपने का निर्देश दिया है.