इंडिया सिटी लाइव (छपरा)17 दिसम्बर: बिहार में अभिभावकों के लिए सबसे जरूरी खबर है कि सूबे के सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूल अभी नहीं खुलने जा रहे हैं। राज्य के शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने प्राइवेट स्कूल संचालकों की इस मांग को सिरे से खारिज कर दिया है कि स्कूल खोले जाने चाहिये. मंत्री उन स्कूलों पर भी बरसे हैं जो सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
शिक्षा मंत्री ने कहा है कि कोरोना काल में बच्चों को स्कूल भेजना खतरे से खाली नहीं है। शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि अगर बच्चों को कुछ हुआ तो कौन जिम्मेदार होगा। शिक्षा मंत्री ने कहा कि कोरोना का नेचर बदल रहा है. अभी दिल्ली में पहले कोरोना संक्रमण कुछ कम हुआ और फिर उसके मामले तेजी से बढ गये. अगर ऐसे में सरकार स्कूलों में बच्चों को आने की इजाजत दे दे और कुछ हुआ तो सरकार ही जिम्मेवार मानी जायेगी. सरकार बच्चों की जान के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकती. लिहाजा अभी स्कूलों को खोलने की इजाजत नहीं दी जा सकती.
प्राइवेट स्कूल संचालकों पर जमकर बरसे शिक्षा मंत्री-
गौरतलब है कि प्राइवेट स्कूलों के संचालकों ने सरकार से आर्थिक मदद की मांग की है. उनका कहना है कि कोरोना के कारण स्कूलों को बहुत घाटा हुआ है इसलिए सरकार को प्राइवेट स्कूलों को पैसा देना चाहिये. शिक्षा मंत्री ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि स्कूल संचालक जब कमाई कर रहे थे, तब तो सरकार को एक्सट्रा टैक्स नहीं दे रहे थे. कोरोना के कारण दिक्कत सबको हुई है.
मंत्री ने कहा कि सरकार एक क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक करेगी, उसमें ये देखा जायेगा कि समस्याओं को कैसे शॉर्टआउट किया जा सकता है. बिहार में शिक्षा व्यवस्था कैसे पटरी पर आये सरकार इस पर काम करेगी. उन्होंने कहा कि सरकार ने प्राइवेट स्कूल के लिए एक कानून बनाया है जिसका मकदस निजी स्कूलों में एक पारदर्शी व्यवस्था को कायम करना है।