देवघर में रामनवमी

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# देवघर से के•डी दास #देवघर में रामनवमी के अवसर पर कानून-व्यवस्था बनाए रखना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती होती है लेकिन देवघर में यह पर्व आपसी भाईचारे और सांप्रदायिक सौहार्द का मिशाल प्रस्तुत करता है।दरअसल रामनवमी के अवसर पर बजरंगवली को चढ़ाया जाने वाला ध्वजा यहां मुस्लिम संप्रदाय के लोगो द्वारा बड़ी श्रद्धा के साथ तैयार किया जाता है और उन्ही के द्वारा इसकी बिक्री भी कि जाती है

चुनाव के एन वक्त पर वोट के लिए समाज को जाति,धर्म और संप्रदाय के नाम पर बांटने की कई तरह से कोशिश की जाती है लेकिन देवघर के भाईचारगी के माहौल पर आजतक इसका कोई असर नही पड़ा।आज भी रामनवमी में चढ़ाया जाने वाला ध्वजा यहां के मुस्लिम परिवारो द्वारा तैयार किया जाता है और उन्ही के द्वारा बाजार में बेचा भी जाता है।ध्वजा बनाने का यह काम मुस्लिम संप्रदाय के लोगो द्वारा कई पीढि़यों से की जाती आ रही है इनकी माने तो इन्हे इस तरह के काम से एक दूसरे की खुशियों में शामिल होने का मौका तो मिलता ही है आपसी भाईचारगी भी कायम रहती है।इतना ही नही उन्हे काफी सुकून और आनंद भी मिलता है।

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भले ही दूसरे समुदाय के लोगो द्वारा इसे बनाया जाता है लेकिन जो श्रद्धा और नियम से यह ध्वजा बनाया जाता है उसकी खरीदारी भी लोग आसानी से करते है।स्थानीय की माने तो आपसी भाई चारा का इससे बड़ा उदाहरण नही हो सकता।

धर्म और संप्रदाय के नाम पर समाज को बांटने की चाहे जितनी भी कोशिश हो रही हो लेकिन देवघर में इसके विपरीत आपसी भाईचारा का उदाहरण किसी पर्व के अवसर पर इसका मुर्त रुप स्पष्ट रुप से देखा जा सकता

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