एक्सपायरी डेट के आधार पर की जायेगी स्टॉक में रखे कोविड वैक्सीन की खपत
– कार्यपालक निदेशक ने ‘फर्स्ट एक्सपायरी फर्स्ट आउट’ के तहत वैक्सीन एलोकेट करने का दिया निर्देश
– डीआईओ और वीसीसीएम की होगी टीकों के अनुपयोगी और एक्सपासरी होने की पूर्ण जवाबदेही
आरा, 20 नवंबर | केंद्र सरकार की ओर से कोरोना संक्रमण के प्रभाव से बचाव के लिये जिले में दो प्रकार की वैक्सीन (कोवैक्सीन और कोविशील्ड) दी जाती रही है। ऐसे में सरकार की ओर से आपूर्ति किये जा रहे टीकों का ससमय उपयोग के साथ गुणवत्तापूर्व प्रबंधन की तैयारी की जा रही है। जिसके लिये राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने जिलाधिकारी व सिविल सर्जन के नामित एक पत्र जारी किया गया है। जिसमें उन्होंने जिले को आपूर्ति किये जा रहे कोविड-19 के टीकों का उपयोग फर्स्ट इन फर्स्ट आउट (एफआईएफओ) के अनुपालन के साथ-साथ फर्स्ट एक्सपायरी फर्स्ट आउट (एफइएफओ) पर विशेष ध्यान देते हुए उपयोग करना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। ताकि, टीकों का सर्वोत्तम उपयोग संभव हो सके एवं इसकी बर्बादी को रोका जा सके।
ई-विन पर अपडेट रहती है उपलब्ध टीकों के स्लॉट :
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. संजय कुमार सिन्हा ने बताया, जिले में फिलवक्त लगभग दो लाख डोज से अधिक टीकों की उपलब्धता है। उपलब्ध टीकों के स्लॉट को बैच संख्या और एक्सपायरी डेट के आधार पर ही ई-विन पर अपडेट किया जाता है। साथ ही, जैसे-जैसे वैक्सीनेशन के लिये सेशन साइट्स का संचालन करने के लिये पूर्व में स्टॉक में रखे वैक्सीन के वाइल्स को पहले एलोकेट किया जाता है। जिससे पहले आये हुये वैक्सीन की खपत को पहले सुनिश्चित किया जा सके। हालांकि, कार्यपालक निदेशक के जारी पत्र से प्रखंडों के कोल्ड चेन हैंडलर को भी अवगत कराया गया है। ताकि, टीकों की गुणवत्ता बरकरार रखी जा सके।
आरआई में भी इसी आधार पर होता है वैक्सीन का वितरण :
ई-विन परियोजनान्तर्गत आपके जिला में कार्यरत यूएनडीपी के पदाधिकारी व कर्मी की भी सेवा ली जा रही है। टीकों के अनुपयोगी रहने तथा इसके एक्सपायरी होने की पूर्ण जवाबदेही जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी एवं यूएनडीपी के पदाधिकारी व कर्मी की संयुक्त रूप से होगी। डॉ. संजय कुमार सिन्हा ने बताया, कोविड वैक्सीन की बात करें तो इसे बीते कुछ माह से कोल्ड चेन में हैंडल किया जा रहा है। लेकिन, नियमित टीकाकरण (आरआई) में इस्तेमाल किये जाने वाले 12 प्रकार के वैक्सीन को भी फर्स्ट एक्सपायरी फर्स्ट आउट के तहत खपत किया जाता है। जिसके कारण पहले आई हुई वैक्सीन की खपत पहले हो जाती है। लेकिन, कोविड के मामले में इसे थोड़ा गंभिरता से लिया जा रहा है।