भारत जुड़ेगा, इंडिया जीतेगा
धर्म के नाम पर बाँटने वालों की आदत अब नामों को ही बाँटने लगी है। लोगों को जो इंडिया सुनकर भड़क गए हैं, उन्हें समझना चाहिए कि भारत कहना चाहिए लेकिन इसलिए नहीं कि वे भारत को पसंद नहीं करते हैं। भारत भी बहुत पुराना है, जिसका नाम सिंधु नदी है।भारत में भी उतनी ही भारतीयता है।
तब प्रधानमंत्री को राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का स्वागत करना चाहिए, और प्रधानमंत्री को हा स्किल इंडिया, मेक इन इंडिया जैसे नाम क्यों देना चाहिए? प्रधानमंत्री जी को अब अपने 38 दलों के एनडीए को लेकर मणिपुर जाना चाहिए, जहां जनता उनका इंतजार कर रही है तीन माई से।
भाजपा इस सामूहिक विपक्ष को लेकर उतनी चिंतित नहीं लग रही है जितना कि विपक्ष का नाम एक्रोनीम इंडिया घोषित किया गया है।भारत की प्रतिक्रिया में, असम के मुख्यमंत्री ही नहीं, प्रधानमंत्री भी एनडीए को बीस साल पुराने नियमों को बदलते दिखाई दिए। एनडीए की बैठक में उन्होंने कहा कि जनता जानती है कि विपक्ष एक हो रहा है क्योंकि वह एक गोंड है। प्रधानमंत्री भूल जाते हैं कि चुनी हुई सरकारों को गिरा देने के लिए उनकी खुद की पार्टी में भ्रष्टाचार और परिवारवाद के नाम शामिल हो चुके हैं? प्रधानमंत्री जी ने एक प्रेस वार्ता करके इस बात का जवाब पाया होता।
Reported by Lucky Kumari