‘टाइम100 फिलैंथ्रॉपी 2025’ की वैश्विक सूची में शामिल मुकेश और नीता अंबानी*

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*’टाइम100 फिलैंथ्रॉपी 2025′ की वैश्विक सूची में शामिल मुकेश और नीता अंबानी*

*• खेल, शिक्षा और स्वास्थ्य में क्रांतिकारी सहयोग, अंबानी दंपति ने फिर किया देश को गौरवान्वित*

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*नई दिल्ली, 20 मई 2025:* प्रसिद्ध अमेरिकी पत्रिका ‘टाइम’ ने अपनी पहली ‘टाइम100 फिलैनथ्रॉपी 2025’ सूची जारी की है, जिसमें उन 100 वैश्विक हस्तियों को स्थान मिला है जो दान और समाज सेवा के क्षेत्र में भविष्य को आकार दे रहे हैं। इस प्रतिष्ठित सूची में मुकेश और नीता अंबानी का नाम भी शामिल किया गया है, जो भारत के लिए गौरव का विषय है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज़ के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर मुकेश अंबानी तथा रिलायंस फाउंडेशन की संस्थापक और चेयरपर्सन नीता अंबानी ने वर्ष 2024 में ₹407 करोड़ (लगभग $48 मिलियन) का दान देकर न केवल देश के सबसे बड़े दाताओं में अपना नाम दर्ज कराया, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपनी परोपकारी सोच की पहचान बनाई है।

अंबानी दंपति की परोपकारी पहलें शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण, ग्रामीण विकास, खेल और आपदा राहत जैसे क्षेत्रों में देशभर में लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित कर रही हैं। इन पहलों में छात्रों के लिए छात्रवृत्तियां, महिलाओं को करियर संबंधी प्रशिक्षण, ग्रामीण समुदायों को टिकाऊ कृषि के लिए सहायता, जल संरक्षण, अस्पतालों का निर्माण, दृष्टि संबंधी समस्याओं में सहायता और स्कूलों के बुनियादी ढांचे को मजबूत करना शामिल है।
नीता अंबानी, जो स्वयं एक सफल व्यवसायी हैं और अपने बेटे आकाश अंबानी के साथ मुंबई इंडियंस क्रिकेट टीम की सह-मालकिन हैं, खेल जगत में प्रतिभाओं को निखारने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। उनके नेतृत्व में रिलायंस फाउंडेशन खिलाड़ियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं और खेल विज्ञान आधारित प्रशिक्षण उपलब्ध कराता है, जिसमें महिला खिलाड़ियों पर विशेष ध्यान दिया जाता है। नीता अंबानी कहती हैं, “महिलाओं के लिए पेशेवर खेलों में करियर बनाना कठिन होता है, ऐसे में उनकी सफलताएं और भी विशेष बन जाती हैं।”

‘टाइम100 फिलैनथ्रॉपी 2025’ में उनकी मौजूदगी इस बात का प्रमाण है कि भारतीय परोपकार अब न केवल देश के भीतर बल्कि वैश्विक मंच पर भी प्रभावशाली भूमिका निभा रहा है। मुकेश और नीता अंबानी का यह योगदान न केवल प्रेरणास्पद है बल्कि आने वाले समय में सामाजिक परिवर्तन की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।

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