बीपीएससी शिक्षक बहाली को लेकर सियासी बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक तरफ जहां आज राज्य सरकार के तरफ से नए बहाल टीचरों को नियुक्ति पत्र बांटा जाएगा। तो वहीं दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने यानी गुरुवार दो नवंबर को पटना स्थित आवास पर बिहारी शिक्षक अभ्यर्थी अदालत लगाने का ऐलान किया है। मांझी ने यह आयोजन गांधी मैदान में आयोजित मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीपीएससी शिक्षक नियुक्ति पत्र वितरण समारोह के विरोध में बुलाया है।
जीतन राम मांझी ने सोशल मिडिया पर जानकारी देते हुए कहा है कि- आज पटना में दो बडे कार्यक्रम होंगें, एक कार्यक्रम “सरकारी ईवेंट”होगा जहां बिहारियों को दरकिनार कर नियुक्ति पत्र बांटी जाएगी। दूसरा कार्यक्रम HAM करेंगें जिसमें बिहार,बिहारियत और बिहार के भविष्य को लेकर शिक्षक अभ्यर्थी अदालत लगाई जाएगी।
वहीं, HAM सुप्रीमो जीतनराम मांझी ने बीपीएससी शिक्षक नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम के विरोध में 2 नवंबर को सुबह 11.30 बजे अपने 12 एम स्टैंड रोड स्थित आवास पर ‘बिहारी शिक्षक अभ्यर्थी अदालत’ का आयोजन किया है। इस दौरान सभी मिलकर कथित शिक्षक नियुक्ति घोटाले पर सुनवाई करेंगे। वहीं, पार्टी कार्यकर्ता गुरुवार को सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करेंगे।
इससे पहले मांझी ने आरोप लगाए थे कि हाल ही में हुई बीपीएससी शिक्षक बहाली परीक्षा में रेलवे के लैंड फॉर जॉब की तर्ज पर मनी फॉर जॉब घोटाला हुआ है। इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने शिक्षक नियुक्ति से डोमिसाइल नीति न होने का भी विरोध किया। जीतनराम ने कहा कि बिहारियों के हक की नौकरियां नीतीश सरकार दूसरे राज्यों के कैंडिडेट्स को बांट रही है। यह गलत है।
बताते चलें , नीतीश सरकार शिक्षक नियुक्ति को एक समारोह के रूप में आयोजित करने जा रही है। गुरुवार दो नवंबर को पटना के गांधी मैदान में नवनियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरित किए जाएंगे। खुद सीएम नीतीश कुमार इस समारोह में शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देंगे। इसके लिए 45000 नए शिक्षकों को गांधी मैदान बुलाया गया है। बता दें कि बीपीएससी शिक्षक बहाली में कुल 1.20 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों का चयन हुआ था, हालांकि पदों की संख्या 1.70 लाख थी।