लालू-तेजस्वी का साथ छोड़कर जेडीयू में आए पूर्व विधायक श्याम रजक को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने बड़ी जिम्मेवारी दे दी है। श्याम रजक को जेडीयू का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया है। जेडीयू के महासचिव आफाक अहमद खान की तरफ से पत्र जारी कर इसकी जानकारी दी गई है। अरुण कुमार को झारखंड का सह प्रभारी नियुक्त किया गया है।
पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री श्याम रजक ने बीते 22 अगस्त को आरजेडी से इस्तीफा दे दिया था। श्याम रजक ने राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव को इस्तीफा भेज दिया था, जिसमें उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पद औऱ प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने की बात लिखी था। साथ ही श्याम रजक ने अपने पत्र में लालू के लिए एक शेर भी लिखा था कि, “मैं शतरंज का शौकीन नहीं था, इसलिए धोखा खा गया। आप मोहरे चल रहे थे, मैं रिश्तेदारी निभा रहा था”।
श्याम रजक के इस्तीफे को लेकर तब तेजस्वी ने कहा था कि उनके पार्टी छोड़ने से आरजेडी की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है। इसी महीने एक सितंबर को बिहार सरकार के मंत्री रहे श्याम रजक दूसरी बार जेडीयू में शामिल हुए। श्याम रजक को जेडीयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय कुमार झा ने पार्टी की सदस्यता दिलाई थी और अब राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने उन्हें बड़ी जिम्मेवारी सौंपते हुए पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बना दिया है।
लालू-राबड़ी के साथ राजनीति शुरू करने वाले श्याम रजक लंबे समय तक आरजेडी के शासन काल में मंत्री रहे। 2005 में आरजेडी का शासन खत्म होने के बाद 2009 में श्याम रजक ने जेडीयू का दामन थाम लिया था। 2010 में वे नीतीश सरकार में मंत्री बनाये गये थे। 2020 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले श्याम रजक ने मंत्री पद औऱ जेडीयू की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था औऱ आरजेडी में शामिल हो गये थे।
साल 2020 के विधानसभा चुनाव में लालू-तेजस्वी ने उन्हें टिकट से वंचित कर दिया था। श्याम रजक आरजेडी के राष्ट्रीय महासचिव पद पर तो थे लेकिन पार्टी की मुख्यधारा से उन्हें अलग थलग कर दिया गया था। ऐसे में उन्होंने पुराने घर में वापसी को ही बेहतर समझा और फिर से जेडीयू में शामिल हो गए। संभावना जताई जा रहे है कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में जेडीयू फुलवारीशरीफ सीट से श्याम रजक को अपना उम्मीदवार बनाकर चुनाव मैदान में उतार सकती है।