‘यौन अपराधों के असली मामले अब अपवाद हैं- कानून पुरूषों के प्रति बहुत पक्षपाती है,’ इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा।
'यौन अपराधों के असली मामले अब अपवाद हैं- कानून पुरूषों के प्रति बहुत पक्षपाती है,'
‘यौन अपराधों के असली मामले अब अपवाद हैं- कानून पुरूषों के प्रति बहुत पक्षपाती है,’
इलाबाबाद हाईकोर्ट ने यौन अपराधों पर महत्वपूर्ण टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि वास्तविक यौन अपराधों के मामले अब अपवाद जैसे हो गए हैं। यह कानून पुरूषों के विरुद्ध है।
कोर्ट ने कहा कि लड़कियों और महिलाओं को कानून की सुरक्षा में दबदबा होता है, इसलिए वे किसी लड़के या पुरुष को फंसाने में आसानी से सफल होती हैं।
विवेक कुमार मौर्य बनाम राज्य एवं अन्य, हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि वास्तविक यौन अपराधों के मामले अब अपवाद हैं और मौजूदा प्रवृत्ति में मुख्य रूप से बलात्कार के झूठे आरोप शामिल हैं। यह टिप्पणी विवेक कुमार मौर्य बनाम राज्य और अन्य मामले में सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने की है। कोर्ट ने देखा कि लड़कियां और महिलाएं आरोपी के साथ लंबे समय तक शारीरिक संबंध बनाने के बाद गलत एफआईआर दर्ज कराती हैं ताकि अनुचित लाभ प्राप्त करें। न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने कहा कि ऐसे मामलों में अदालतों को जमानत याचिकाओं पर विचार करते समय सावधान रहना चाहिए क्योंकि कानून पुरुषों के प्रति बहुत पक्षपाती है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की प्रतिक्रिया,
हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसे जमानत आवेदनों पर कोर्ट को बहुत सावधान रहना चाहिए। कानून पुरुषों पर बहुत पक्षपातपूर्ण है। वर्तमान मामले की तरह, एफआईआर में किसी को भी बेबुनियाद आरोपों में फंसाना बहुत आसान है। न्यायालय ने कहा कि फिल्मों, टीवी शोओं और सोशल मीडिया भी खुलेपन की संस्कृति को बढ़ा रहे हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसा व्यवहार कभी-कभी झूठे मामले का कारण बनता है जब वह भारतीय पारिवारिक मूल्यों से टकराता है।
Reported By Lucky Kumari