वेंडिंग सर्टिफिकेट (COV) – को सम्मान दो” सुरक्षित रोजगार दो, जीने का अधिकार दो “
राज्य स्तरीय कार्यशाला , 25 मार्च 2022- नासवी के सतत संघर्ष ने एक ऐतिहासिक कानून स्ट्रीट वेंडर्स (प्रोटेक्शन ऑफ लाइवलीहुड एंड रेगुलेशन ऑफ स्ट्रीट वेंडिंग) अधिनियम 2014 का नेतृत्व किया, जिसे मई, 2014 में संसद द्वारा अधिनियमित किया गया था, एवं बाद मे बिहार सरकार ने 2017 मे उक्त कानून के अनुपालन हेतु नियमावली बनाए | नासवी अधिनियम के कार्यान्वयन की निगरानी करता है, प्रक्रिया में प्रहरी के रूप में काम करता है और सुविधा प्रदान करता है।
उक्त कानून के लागू होने के लगभग सात साल बाद भी शहरों में हजारो लोग बेदखल किए जाने व रोजगार से वंचित होने के डर से जीते हैं। दुर्भाग्य से अधिनियम लागू होने और हाई कोर्ट के आदेशों के बावजूद, स्ट्रीट वेंडर्स को परेशान किया जाता है, बेदखल किया जाता है, पीटा जाता है और पैसा निकाला जाता है। नगर निकाय के द्वारा ही वेंडिंग सर्टिफिकेट (COV) मिलने के वावजूद फुट पाथ दुकानदार की अवैध बेदखली एवम नगर निकाय के द्वारा सामानो की अवैध जब्ती एवम पुलिस द्वारा प्रतारणा हो रही है ।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए नासवी के राष्ट्रीय समन्वयक श्री अरबिंद सिंह ने कहा की कोविद -19 महामारी मे स्ट्रीट वेंडर्स भी अन्य असंगठित मजदूरों के भाति ही बहुत गंभीर रूप से प्रभावित हुए | आन लॉक के प्रक्रिया में वेंडर्स के आजीविका को पुनः सुचारू रूप से चलाने के लिए नासवी के सघन वकालत व अभियान के फलस्वरूप प्रधानमंत्री आत्म निर्भर स्वनिधि योजना शुरू की गई एवं इस योजना के अंतर्गत वेंडर्स को दस हज़ार के ऋण की व्यवस्था की गई| इसके लिए वेंडिंग प्रमाणपत्र को अनिवार्य किया गया | जिसके तहत बिहार मे 123521 वेंडर्स का सर्वे किया गया , 99074 को सर्टिफिकेट ऑफ वेंडिंग (COV) दिया गया है प्रधान मंत्री स्वनिधि योजना के लिए 64700 वेंडर्स ने स्वनिधि योजना के तहत 10,000 रु के ऋण के लिए आवदेन दिए जिसमे मात्र 30119 वेंडर्स को ही ऋण प्राप्त हुए है | इससे स्पष्ट है की वेंडर्स के लिए जारी इस योजना के प्रति नगर निकाय एवम बैंक कितने गंभीर है I जिला प्रशासन और नगर निगम ने इस कानून के साथ साथ प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना का मखौल उड़ाया है | कानून के धारा 3.3, के तहत भारत सरकार के अपील के बावजूद, भी अभी तक वेंडर्स के लिए वेंडिंग का स्थान चिन्हित नहीं किया गया और निरंतर बेदखली का कार्य किए जा रहे है | कानून के अंतर्गत गठित टाउन वेंडिंग समिति को पंगु बना दिया गया है I बिहार के कई नगर निकाय मे TVC की बैठक 2 शालों से नहीं की गई है और सारे निर्णय नगर निकाय ही ले रही है जबकि कानून के तहत वेंडर के लिए सारे निर्णय TVC को ही लेना है I
इस कार्यशाला को बिहार राज्य फुटपाथ दुकानदार संघ के अध्यक्ष श्री नंदलाल राम , एवम 42 शहरो से आए हुए प्रतिनिधियों ने भी संबोधित किया सभी सदस्यो ने एक ही बाते कही की बिहार सरकार नगर निकाय को वेंडर के हित मे कार्य करने का आदेश जरूर जारी करती है परंतु नगर निकाय उसे मानती ही नहीं है I कई शहरो मे मुख्यमंत्री के द्वारा वेंडिंग ज़ोन का उदघाटन भी किया गया लेकिन इसमें अभी तक वेंडर्स को स्टाल आवंटन भी नहीं किया गया| राष्ट्रिय शहरी आजीविका मिशन जैसे परियोजनवो के बावजूद स्मार्ट सिटि के नाम पर वेंडर्स को अपने रोजगार से वचित किए जा रहे है|
इस कार्यशाला के माध्यम से हम सरकार से मांग करते हैं
जिन विक्रेताओं को पहचान पत्र और प्रमाण पत्र दिया गया है, उन्हें पुलिस व अन्य प्रशासनिक तंत्र द्वारा परेशान नहीं किया जाना चाहिए ।
जिन वेंडर्स को पहचान पत्र नहीं दिये गए है उनको शीघ्र पहचान पत्र दिये जाए |
अधिनियम की धारा 3.3 के तहत एक विक्रेता को रोजगार से निष्कासन के खिलाफ संरक्षित करता है , इसका अनुपालन किया जाए I
स्ट्रीट वेंडिंग के सभी पहलुओं के बारे में निर्णय लेने के लिए अधिनियम द्वारा शासित टाउन वेंडिंग कमेटी (TVC) की नियमित बैठकें TVC सदस्यों के क्षमता निर्माण कार्यक्रम का आयोजन किया जाए |
नगर निगम के द्वारा सामानो की अवैध जब्ती एवम चालान काटना इसे अविलंब रोका जाए I
वेंडिंग जोन मे वेंडर्स को वयवस्थित करने एवम नगर निकाय के तरफ से वेंडर को लिखित पत्र मिले की आपका यह स्थान है I
पुलिस के द्वारा वेंडर को किसी भी तरह से प्रतारित नहीं किया जाए I
स्मार्ट सिटी एवम मेट्रो निर्माण के नाम पर वेंडर को उजारना बंद करे I
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