2023 में रिंग ऑफ फायर के नाम से जाना जाने वाला सूर्य ग्रहण होगा। यह घटित होने का सही समय और उन स्थानों का पता लगाएं जहां यह दिखाई देगा।

आज साल का आखिरी सूर्य ग्रहण है, जो भारतीय समय के अनुसार रात 8:34 बजे से 2:25 बजे तक रहेगा। यह विशेष ग्रहण वलयाकार है, जिसके परिणामस्वरूप सूर्य एक वलय के रूप में दिखाई देता है, जिसे अक्सर "रिंग ऑफ फायर" कहा जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, यह ग्रहण आश्विन मास की सर्वपितृ अमावस्या तिथि पर पड़ता है।

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आज साल का आखिरी सूर्य ग्रहण है, जो भारतीय समय के अनुसार रात 8:34 बजे से 2:25 बजे तक रहेगा। यह विशेष ग्रहण वलयाकार है, जिसके परिणामस्वरूप सूर्य एक वलय के रूप में दिखाई देता है, जिसे अक्सर “रिंग ऑफ फायर” कहा जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, यह ग्रहण आश्विन मास की सर्वपितृ अमावस्या तिथि पर पड़ता है।
ऐसी मान्यता है कि सूर्य ग्रहण के दौरान लगातार मंत्रों का जाप करने से भगवान पर ग्रहण का कष्ट कम होता है। इसके अलावा मंत्रों के जाप करने से ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव कम रहता है। आप ग्रहण के दौरान इन मंत्रों का जाप कर सकते हैं।
ॐ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्नो : सूर्य: प्रचोदयात।
ॐ घृणिं सूर्य्य: आदित्य:।
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।
ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:।
ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ।

कैसे और कब लगता है सूर्य ग्रहण
हिंदी पंचांग के अनुसार सूर्य ग्रहण हमेशा अमावस्या तिथि पर ,जबकि चंद्र ग्रहण पूर्णिमा तिथि पर होता है। वहीं खगोलशास्त्र के अनुसार सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है, इस दौरान चंद्रमा की छाया पृथ्वी पर पड़ती है।
सूर्य ग्रहण का धार्मिक महत्व सूर्य ग्रहण के लगने से 12 घंटे पहले से सूतक काल प्रभावी हो जाता है। शास्त्रों में सूतक काल को अच्छा नहीं माना जाता है। इस दौरान किसी भी तरह का कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित माना जाता है। सूर्यग्रहण के दौरान मंदिरों के दरवाजे बंद कर दिया जाता है। सिर्फ मंत्रों का जाप किया जाता है। भारत में इस ग्रहण का सूतक नहीं रहने के कारण धर्म-कर्म करने में किसी भी तरह की कोई बाधा नहीं रहेगी।

सूर्य ग्रहण के अगले दिन शारदीय नवरात्रि शुरू और शनि का नक्षत्र परिवर्तन इस बार सूर्य ग्रहण के अगले दिन ही शारदीय नवरात्रि शुरू हो रहे हैं और शनि का नक्षत्र परिवर्तन भी होगा। 15 अक्तूबर 2023 को शनि धनिष्ठा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे।

इन राशि वालों पर हो सकता है ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब भी ग्रहण लगता है तो इसका नकारात्मक और सकारात्मक दोनों ही तरह का असर देखने को मिलता है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार मेष, सिंह, कन्या और कुंभ राशि वालों पर नकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकता है।
Surya Grahan Live Streaming: आज यहां लाइव देख सकते हैं सूर्य ग्रहण आज लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, लेकिन दुनिया के कई हिस्सों में इस सूर्य ग्रहण को देखा जा सकेगा। इस सूर्य ग्रहण को नासा की वेबसाइट समेत कई अन्य जगहों पर लाइव कवरेज देखा जा सकता है। नासा अपने यूट्यूब चैनल पर सूर्य ग्रहण की लाइव स्ट्रीमिंग करेगा। इस लिंक पर क्लिक करके भी आप लाइव स्ट्रीमिंग देख सकते हैं- https://www.youtube.com/@NASA
Surya Grahan 2023 Upay: जब भी लगे ग्रहण तब यह उपाय जरूर करें
आज रात साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगेगा, हालांकि इस ग्रहण को भारत में नहीं देखा जा सकेगा जिस कारण से इसका सूतक काल प्रभावी नहीं होगा। शास्त्रों में ग्रहण के प्रभाव को कम करने के लिए गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते रहना चाहिए। ऐसा करने से ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव आप पर नहीं पड़ेगा।

सूर्य ग्रहण पर गर्भवती महिलाएं बरतें ये सावधानियां
सूर्य ग्रहण के दौरान नुकीली चीजें का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
सूर्य ग्रहण के दौरान सोना अशुभ माना जाता है। इसलिए गर्भवती महिलाएं ग्रहण पर सोएं। बल्कि सूर्य से जुड़े मंत्रों का लगातार जाप करते रहना चाहिए।
ग्रहण के दौरान कुछ भी खाना-पीना चाहिए।
सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को अपने पास दूर्वा घास रखनी चाहिए।
ग्रहण के दौरान सूर्य की किरणें दूषित होती हैं। इसलिए गर्भवती महिलाएं को नकारात्मक प्रभाव से बचाने के लिए सूर्य ग्रहण नहीं देखना चाहिए।
सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं घर से बाहर न निकलें।
गर्भवती महिलाओं को सूर्य ग्रहण के खत्म होने के बाद नहाना चाहिए।

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भारत में नहीं दिखेगा सूर्य ग्रहण, सूतक नहीं होगा मान्य
इस सूर्य ग्रहण में सूतक काल का प्रभाव नहीं रहेगा, जिस कारण से मंदिरों और घरों पर पूजा पाठ पहले की ही तरह होंगे। शास्त्रों में माना गया है जब भी सूतक लग जाता है तब किसी भी तरह का शुभ कार्य, भगवान की पूजा और खाना नहीं खाया जाता है। सूर्य ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले से सूतक काल प्रभावी हो जाता है। भारत में सूर्य ग्रहण दिखाई न देने के कारण यहां पर सूतककाल मान्य नहीं होगा।

Surya Grahan 2023: सूर्य ग्रहण कितने तरह का होता है
सूर्य ग्रहण पूर्ण, आंशिक और वलयाकार तीन तरह होते हैं। पूर्ण सूर्य ग्रहण तब बनता है जब चन्द्रमा पृथ्वी के काफी नजदीक आज जाते हुए पृथ्वी और सूर्य के बीच में आ जाता है। आंशिक सूर्य ग्रहण तब होता है जब चन्द्रमा सूर्य व पृथ्वी के बीच में इस प्रकार आए कि सूर्य का कुछ ही भाग पृथ्वी से दिखाई नहीं देता है, वहीं कंगन आकार में बनने वाले सूर्य ग्रहण को वलयाकार सूर्य ग्रहण कहते हैं।

 

Surya Grahan 2023 And Sutak Kaal Time: सूर्य ग्रहण और सूतक काल का महत्व
आज लगने वाला साल का आखिरी सूर्य ग्रहण वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा लेकिन यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा जिसकी वजह से भारत इस ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा। सूतक काल मान्य नहीं होने की वजह से सभी तरह के कार्य पहले की तरह होते रहेंगे। आपको बता दें सूर्य ग्रहण पर 12 घंटे पहले ही सूतक काल शुरू हो जाता है।

आज इन जगहों पर दिखाई देगा सूर्य ग्रहण
आज लगने वाला साल का आखिरी सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। यह ग्रहण उत्तरी अमेरिका, कनाडा, मैक्सिको, अर्जेटीना, कोलंबिया, क्यूबा, ब्राजील, पेरु और उरुग्वे जैसे देशों में दिखाई देगा।

Surya Grahan 2023: सूर्य ग्रहण और रिंग ऑफ फायर का रहस्य
आज लगने वाला साल का आखिरी सूर्य ग्रहण वलयाकार होगा। इस सूर्य ग्रहण के दौरान पृथ्वी से सूर्य का नजारा देखने पर सूर्य के बीच वाले हिस्से में एक काली आकृति नजर आएगी और बाहरी वाले हिस्से में आग का छल्ला नजर आएगा। इसे अंग्रेजी में रिंग ऑफ फायर के नाम से जाना जाता है। दरअसल सूर्य ग्रहण के दौरान चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाएगा जिस कारण से इस कंकणाकृति सूर्य ग्रहण के नाम से जाएगा। रिंग ऑफ फाय को अमेरिका में साल 2012 के बाद सभी हिस्सों में नजर आए

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