बिहार में स्वास्थ्य विभाग की कमान तेजस्वी यादव के हाथों में है। राज्य के जितने भी बड़े सरकारी अस्पताल हैं उनके डायरेक्टर को समय -समय पर समीक्षा करने का भी निर्देश जारी करते हैं। अब एक ताजा मामला राजधानी पटना के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच से जुड़ा हुआ है।
पीएमसीएच के रेडियोलॉजी विभाग के रेडियोलॉजिस्ट ड्यूटी से गायब मिलेे। कई दिनों से शिकायत मिल रही थी कि ड्यूटि से डॉक्टर्स गायब रहते हैं। शिकायत के बाद पीसीसीएच के अधीक्षक डॉ आइएस ठाकुर ने गुरुवार को रेडियोलॉजी विभाग का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान पांच डॉक्टर गायब मिले।
अब गायब डॉक्टरों के वेतन पर रोक लगा दी गयी है और इस सभी लोगों को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है। इन डॉक्टरों में सीनियर रेजीडेंट डॉ संतोष कुमार प्रसाद, डॉ मीनाक्षी रंजन, डॉ प्रियंका राज, डॉ प्रदीप कुमार और डॉ अल्पना पाठक का नाम शामिल हैं। इन लोगों को नियमानुसार ओपीडी जांच सेंटर में सुबह नौ बजे डॉक्टरों को पहुंच जाना है। लेकिन पांचों डॉक्टर एक से डेढ़ घंटे देरी से ओपीडी पहुंचे। कुछ डॉक्टर ने तो आना भी मुनासिब नहीं समझ। निरीक्षण के दौरान जब गायब डॉक्टर्स से नहीं आने का कारण पूछा गया, तो वे तरह-तरह की बाते कहने लगे। कुछ डॉक्टर ने खुद को बीमार बताया तो कुछ जाम में फंसने की बात कह रहे थे।
पूरे मामले में पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ आइएस ठाकुर ने बताया कि जांच में पता चला है कि सैकड़ों मरीजों की इंज्यूरी रिपोर्ट भी समय पर नहीं दी जा रही है, जिससे मरीजों को कोर्ट और पुलिस में कागजात जमा करने में समस्या हो रही हैं। इसके साथ ही समय पर मरीजों की अल्ट्रासाउंड और एक्सरे जांच भी नहीं हो रही है। मरीजों को परेशानी को देखते हुए औचक निरीक्षण किया गया। इस दौरान गायब पांचों डॉक्टरों के वेतन पर रोक लगा दी गयी है। पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ आइएस ठाकुर ने बताया कि यह निरीक्षण दूसरे भी विभागों में जारी रहेगा।