मोकामा : बंध्याकरण के बाद महिला के गर्भवती होने का मामला – पति ने लोक शिकायत निवारण कोषांग का रुख किया

इंडिया सिटी लाइव (पटना)15 MARCH : सरकारी अस्पतालों में होने वाला परिवार नियोजन कार्यक्रम एक बार फिर से सवालों के घेरे में है. मामला पटना से जुड़ा है, जहां बाढ़ के मोकामा प्रखंड के मोर गांव में अंशु देवी ने बंध्याकरण करवाया उसके बाद भी वह गर्भवती हो गईं. अंशु देवी की मानें तो उन्‍होंने मोकामा के रेफरल अस्पताल में 2018 में अपना बंध्याकरण करवाया था. उन्‍होंने अपनी गांव की आशा शांति देवी के साथ 5 दिसंबर 2018 को बंध्याकरण का ऑपरेशन करवाया था.

पहले से दो बच्चो की मां अंशु देवी ने बच्चे की चाह छोड़ बंध्याकरण करवाया था, लेकिन दो साल बाद फिर वो गर्भवती हो गईं तो पति-पत्नी दोनों परेशान हो गए. अंशु देवी ने बताया कि वो 9 नवंबर 2020 को फिर से गर्भवती हो गई और जब उसे इस बारे में जानकारी हुई तो वो परेशान हो गई. उसने कई बार आशा शांति देवी को इसकी सूचना दिया की फिर से गर्भवती कैसे हों गई तो टाल मटोल करने लगीं. फिर उसी अस्पताल मोकामा रेफरल में जांच करवाया तो गर्भवती होने का पता चला.

अंशु देवी के पति महुली पासवान ने बताया कि जब अस्पताल में पता किया कि ऐसा कैसे हो गया कि बंध्याकरण के बाद उसकी पत्नी गर्भवती हो गई तो सभी ने पल्ला झाड़ना शुरू कर दिया. बताया गया कि जिस डॉक्टर ने ऑपरेट किया था वो अब रेफरल अस्पताल मोकामा में नहीं हैं.

अंशु देवी के गर्भवती होने से उनके साथ उनके पति भी परेशान हैं. उनकी आर्थिक हालात इतने भी अच्छे नहीं हैं कि तीसरे बच्चे का लालन-पालन कर सकें. पति-पत्नी ने हॉस्पिटल के विरुद्ध लोक शिकायत निवारण विभाग में शिकायत करने का मन बनाया है.

सूबे की सरकार स्वास्थ्य विभाग के कामों की तरीफ करते नहीं थकती पर पटना जिला के मोकामा में जब ये हाल है तो अन्य जिलों की बात क्या कहना. हाल के दिनों में ये दूसरा मामला है जब बंध्याकरण के बाद भी कोई महिला गर्भवती बनी हो. इससे पहले मुजफ्फरपुर जिला में भी ऐसा ही मामला आया था.

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