गर्भवती महिलाओं के लिए आयोडीन जरूरी, भ्रूण के विकास के लिए है महत्वपूर्ण

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गर्भवती महिलाओं के लिए आयोडीन जरूरी, भ्रूण के विकास के लिए है महत्वपूर्ण

– आयोडीन की कमी से होता है घेघा, होती है थायरॉयड की समस्या
– गर्भस्थ शिशु के शारीरिक व मानसिक विकास को करता है प्रभावित
– भोजन पकाने में आयोडाइज्ड नमक का ही इस्तेमाल करें
आरा, 01 दिसंबर | कोरोना आपदा के दौरान गर्भवती महिलाओं की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए उनके पोषण का विशेष ध्यान रखना जरूरी है। सही खानपान गर्भवती और गर्भस्थ शिशु दोनों के लिए आवश्यक है। सेंटर फॉर डिज़ीज़ प्रीवेंशन एंड कंट्रोल के मुताबिक पोषण के आवश्यक तत्वों में आयोडीन भी शामिल है। आयोडीन रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ शरीर के रक्त संचार व दिल की धड़कन को भी नियंत्रित करता है। यह शरीर की मैटाबॉलिक दर को बनाये रखता है। सामान्य महिलाओं की तुलना में गर्भवती महिलाओं को आयोडीन की जरूरत अधिक होती है।

आयोडीन की कमी भ्रूण के लिए नुकसानदेह: गर्भवस्था के दौरान शरीर में अत्यधिक आयोडीन की कमी भ्रूण के विकास को प्रभावित करती है। आयोडीन की कमी से वजन व कोलेस्ट्रोल का स्तर बढ़ना, घेघा रोग, थायरायड व अत्यधिक ठंड लगना जैसी समस्या होती है। यदि गर्भवती महिलाएं संतुलित मात्रा में आयोडीन लेती हैं तो गर्भस्थ शिशु का दिमाग और नर्वस सिस्‍टम का विकास सही होता है, अन्यथा इसका प्रभाव शिशु के जन्म के बाद उसके शारीरिक विकास में कमी, बौनापन, सुनने व बोलने या समझ में कमी के रूप में देखने को मिलती है। यह उनमें ग्वाइटर यानी घेघा रोग की समस्या को भी जन्म देता है। शरीर में आयोडीन की कमी का पता प्रसव पूर्व यूरिन व रक्त की जांच से कराया जा सकता है।

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गर्भवती के लिए सही खानपान जरूरी:
सही आहार नहीं लेने वाली गर्भवती महिलाओं में आयोडीन की कमी हो सकती है। पर्याप्त आहार नहीं लेने से आयोडीन की कमी का प्रभाव भ्रूण के विकास पर पड़ता है। आयोडीन के प्राकृतिक स्रोत अनाज, विभिन्न प्रकार की दाल, ताजा खाद्य पदार्थ एवं पत्तेदार सब्जियां हैं। खाने में नियमित मछली, मांस, दूध व दही शामिल करें। भुने हुए आलू व मुनक्का का इस्तेमाल करें। भोजन पकाने में आयोडाइज्ड नमक का ही इस्तेमाल करें। शरीर में नमक अच्छी तरह अवशोषित हो इसके लिए विटामिन डी व कैल्शियम वाले खाद्य पदार्थ जरूर लें।

शारीरिक और मानसिक विकास करता है आयोडीन:
आयोडीन एक माइक्रोन्यूट्रयिंट है। हमारे शारीरिक व मानसिक विकास में इस खनिज पदार्थ की भूमिका महत्वपूर्ण है। आयोडीन रक्त संचार, शरीर के तापमान व दिल की धड़कन को नियंत्रित रखता है।

आयोडीन की कमी के लक्षण:
• त्वचा का सूखापन
• नाखून व बालों का टूटना
• हमेशा कब्ज रहना
• चेहरा सूजा हुआ होना
• गले में सूजन रहना
• अत्यधिक ठंड लगना

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