कांग्रेस पार्टी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ पर ग्रहण लगता दिख रहा है। इसकी वजह मणिपुर के शहर मोरेह में हिंसा की ताजा घटना बताई जा रही है। लिहाजा प्रदेश की सरकार ने अभी तक इस कार्यक्रम के लिए अनुमति नहीं दी है। इस वजह से राहुल गांधी के इस भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर ग्रहण लगता हुआ दिख रहा है।
हाल ही में भारत-म्यांमार सीमा पर मणिपुर पुलिस और उग्रवादियों के बीच हुई गोलीबारी के कारण मोरेह में स्थिति गंभीर बनी हुई है। मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने गंभीर स्थिति को स्वीकार करते हुए कहा, ”सुरक्षा बलों पर हमलों के लिए जिम्मेदार अपराधियों को पकड़ने के लिए असम राइफल्स, बीएसएफ और राज्य पुलिस के संयुक्त प्रयास से वर्तमान में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चल रहा है।
राहुल गांधी के नेतृत्व वाली ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ को लेकर बिरेन सिंह ने कहा कि राहुल गांधी की रैली को अनुमति देने पर गहन विचार चल रहा है। हम विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों से रिपोर्ट ले रहे हैं। रिपोर्ट मिलने के बाद हम कोई ठोस निर्णय लेंगे। मोरेह में हालिया गोलीबारी सोमवार सुबह हुई। उग्रवादियों ने शहर के कुछ हिस्सों में सुरक्षा बलों को निशाना बनाया। अधिकारियों ने हमले के दौरान मोर्टार गोले के इस्तेमाल की सूचना दी है। हालांकि दोनों तरफ से किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। इससे पहले रविवार को वार्ड 7 और मोरेह बाजार में गोलीबारी और बम हमलों सहित कई घटनाएं हुई हैं।
राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी का लक्ष्य 14 जनवरी को इंफाल पूर्वी जिले के हट्टा कांगजेइबुंग से ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ शुरू करने का है। गुवाहाटी में कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने हाल ही में कहा कि पार्टी अभी भी मणिपुर सरकार से अनुमति का इंतजार कर रही है। यह 66-दिवसीय यात्रा है जो बसों और पैदल 6,713 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। यह 110 जिलों, 100 लोकसभा सीटों और 337 विधानसभा क्षेत्रों से होकर 20 मार्च को मुंबई में समाप्त हो रही है।